बच्चों की तस्करी पर भाषण

बच्चों की तस्करी पर भाषण : Speech on Child Trafficking in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘बच्चों की तस्करी पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप बच्चों की तस्करी पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
बच्चों की तस्करी पर भाषण : Speech on Child Trafficking in Hindi
नमस्कार आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकगण, व मेरे सभी साथियों को मेरा प्याराभरा नमस्कार। मेरा नाम — है और मैं इस विद्यालय की 10वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ।
मैं आप सभी का तह दिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस अवसर पर दो शब्द कहने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं आप सभी के सामने बच्चों की तस्करी पर भाषण देने जा रहा हूँ। बच्चे किसी भी देश का उज्जवल भविष्य होते है।
कहा जाता है कि यदि किसी भी देश के भविष्य का अनुमान लगाना हो, तो आप उस देश के बच्चों की स्थिति को देखकर उस देश के भविष्य का अनुमान लगा सकते है।
भारत एक बहुत ही विशाल आबादी वाला देश है। यहाँ की जनसंख्या विश्व की दूसरी सबसे बड़ी जनसख्या है और कुछ समय बाद ही यह विश्व में पहले स्थान पर आ जाएगी।
इतनी बड़ी जनसंख्या में बच्चों को सही सुविधा उपलब्ध करवा पाना एक बहुत बड़ी चुनौती है। आज पूरा विश्व एक बहुत बड़ी समस्या से जूझ रहा है, जिसका नाम है:- बच्चो की तस्करी।
आज पूरे विश्व में से बच्चों की चोरी की जाती है और उन्हें दूसरे देश में बेच दिया जाता है। जहाँ उनसे गलत काम करवाए जाते है।
उनसे भीख मंगवाई जाती है और उनके द्वारा आतंकवाद फैलाया जाता है व कईं बार उन्हें मारकर उनके अंगों को बेच दिया जाता है। उनका पूर्ण रूप से शोषण किया जाता है।
भारत भी इस समस्या से लगातार जूझ रहा है। भारत में भी ऐसे कईं मामले सामने आए है। जहाँ बच्चों का अपहरण किया जाता है।
जिसके बाद उन्हें बड़े शहरों व कईं बार विदेशों में भी बेच दिया जाता है। जहाँ उनसे भीख तक मंगवाई जाती है। उन्हें सेक्स सम्बन्धी कार्यों में लगा दिया जाता है।
कईं बार इसमें बहुत से गिरोहों को पकड़ा भी गया है। इसमें महिलाओं का हाथ भी देखने को मिलता है, जो एक काफी गंभीर समस्या है। क्योकि, सभी लोग व बच्चे महिलाओं पर आसानी से विश्वास कर लेते है।
आज आप सभी लोग भी टेलीविज़न, समाचार पत्र, और पोस्टरों के माध्यम से गुमसुदा लोगों की तस्वीरों को देखते होंगे।
यदि आप पुलिस के शिकायत दर्ज करने वाले रजिस्टर को देखेंगे, तो ना जाने आपको कितने ही बच्चों के गुमसुदा होने की शिकायतें मिल जाएगी। इनमे से अधिकांश का पता तो चल भी नहीं पाता है।
हर माता-पिता चाहते है कि उसके बच्चे को नज़र न लगे। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि जिन बच्चों का अपहरण कर लिया जाता है या उन्हें तस्करो द्वारा बेच दिया जाता है, उनके साथ क्या होता होगा?
क्या आपने कभी यह सोचा कि जो बच्चे सड़क के किनारे भीख मांग रहे है, उनके माँ-बाप कहाँ है? कहीं वह लोग भी तो तस्करी के जरिये वहां नहीं लाये गए है? इन सभी बातों का हमें ध्यान रखना चाहिए।
सरकार भी इस मुद्दे पर लगातार काम कर रही है। सरकार ने इसके लिए कईं कानून बनाए है। सरकार टेलीविज़न, रेडियो व समाचार पत्रों के माध्यम से लगातार सभी को जागरूक कर रही है।
सरकार ने इसके लिए एक नए विभाग का निर्माण किया है, जिसका नाम महिला व बाल विकास प्राधिकरण है। जिसका काम है:- महिलाओं व बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना व उनके लिए लड़ना।
पुलिस भी लगातार इसके लिए काम कर रही है व कईं बड़े गिरोहों को पकड़ा जा रहा है और उन्हें कड़ी से कड़ी सजा दी जा रही है व कईं बच्चों को उनके घर पहुंचाया जा रहा है।
कईं NGO व कईं बड़ी संस्थाएं इसके लिए लगातार काम कर रही है व सभी को जागरूक भी कर रही है। इस समस्या को पूरी तरह से समाप्त करना बहुत जरुरी है।
नहीं तो हमें इसके बहुत बुरे परिणाम भुगतने पड़ सकते है। केवल सरकार ही इसे पूरी तरह समाप्त नहीं कर सकती है।
इसके लिए हमें भी जागरूक होने की आवश्यकता है। हमें भी अपने आस-पास रहने वाले बच्चों का ध्यान रखना चाहिए।
यदि कोई भी ऐसा असामाजिक तत्त्व दिखाई दे, तो तुरंत पुलिस को सूचित करे। यदि कोई भी बच्चा आपको इस प्रकार दिखाई दे, तो उसे पुलिस तक पहुंचायें।
इन सभी माध्यमों के द्वारा हम काफी हद तक इस समस्या को रोक सकते है। अंत में मैं अपने भाषण को एक कथन के साथ समाप्त करने जा रहा हूँ।
आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आया होगा। आप सभी का मेरा पूरा भाषण सुनने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
बाल मजदूरी एक सोचा समझा अपराध। बच्चों को करने दो पढाई, मत करवाओं इनसे अभी कमाई।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।