खेलों के महत्त्व पर भाषण

खेलों के महत्त्व पर भाषण : Speech on Importance of Sports in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘खेलों के महत्व पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप खेलों के महत्त्व पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
खेलों के महत्व पर भाषण : Speech on Importance of Sports in Hindi
नमस्कार, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, विशेष अतिथिगण, सभी शिक्षकगण, और सभी साथियों को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —– है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। मैं आप सभी को तहदिल से धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस अवसर पर भाषण प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया।
आज खेल दिवस के अवसर पर मैं आप सभी के सामने खेलों के महत्व पर भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ। खेल मनुष्य के विकास में हमेशा एक अहम भूमिका अदा करते है।
हम सभी को बचपन में खेल खेलना बहुत पसंद होता है। जब भी हम अपने मित्रों के साथ होते है, तो हम हमेशा उनके साथ खेल खेलना पसंद करते है।
एक बच्चे के विकास के लिए खेल एक सही माध्यम होता है। जब भी आप एक बच्चे को कुछ सिखाना चाहते है तो उसके लिए आप उसे खेल के माध्यम से अच्छे से समझा सकते है।
बच्चे भी खेल-खेल में चीजों को अच्छी तरह से समझते है और जाने-अनजाने में या कहें खेल ही खेल में बहुत कुछ सीख जाते है।
खेलों के माध्यम से बच्चों तथा व्यस्क के शारीरिक व मानसिक दोनों का ही विकास किया जा सकता है।
आप भी देखते होंगे कि जो भी बच्चे खेलों से जुड़े होते है वें शारीरिक रूप से बहुत मजबूत होते है और ज्यादातर बीमारियों से दूर रहते है।
खेलों से बच्चो में बहुत से गुणों का विकास होता है। जैसे:- आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, साहसी। इसके साथ-साथ बच्चों के मन में सभी को साथ में लेकर चलने की भावना का विकास होता है।
इसके साथ-साथ एक गुट के साथ काम कैसे किया जाता है? ये भी सिखने को मिलता है। कईं खेलों में बच्चों को गुट में खेलना पड़ता है और कईं बार उन्हें टीम में प्रमुख की भूमिका भी निभानी पड़ती है।
जिससे बच्चों में बचपन से नेतृत्व के लिए जरुरी गुणों का विकास होता है। इससे बच्चो में एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना भी विकसित है।
खेलों से लोगों को अपनी गलती को मानने व सुधारने का मौका मिलता है। जिससे उनके खेल के साथ-साथ उनके जीवन में भी काफी अच्छा प्रभाव देखा गया है।
खेलों से बच्चों में सामाजिक समझ का भी विकास होता है। आज के इतने व्यस्त दिनचर्या में जहाँ मनुष्य के पास ज्यादा समय नहीं होता है।
इंसान को कईं बार बीमारियाँ हो जाती है और कईं बार मनुष्य को मानसिक समस्या से भी गुजरना पड़ता है और इन सभी से बचने का आसान तरीका खेल ही होता है।
अब तो चिकित्सक भी सभी लोगों को खेल खेलने की सलाह देते है। कईं बड़े-बड़े शोधों में पता चला है कि खेलों के माध्यम से मनुष्य की शारीरिक व मानसिक दोनों प्रकार की समस्या से आसानी से छुटकारा मिल सकता है।
आज के समय में बच्चे खेलों में भी अपना भविष्य बनाने लगे है। अब लोग इसे अपनी आजीविका के रूप में भी चुनने लगे है और अब इस क्षेत्र में काफी सम्भावना का भी विकास हुआ है।
जिससे लोगों को काफी रोजगार मिले है। आज आप सभी विराट कोहली व रोनाल्डो को तो जानते ही होंगे। अब सरकार भी इस क्षेत्र में बहुत अधिक ध्यान देने लगी है।
सरकार ने विद्यालयी बच्चों के लिए खेलों को अनिवार्य कर दिया है। सरकार लगातार ऐसी योजनाएं ला रही है, जैसे:- खेलो इंडिया। जिससे देश में खेलों का विकास हो सके।
दुनिया के सभी देश आज खेल के महत्व को समझने लगे है। प्रत्येक चार वर्षों में ओलम्पिक खेलों का आयोजन दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में होता है।
जिससे पूरी दुनिया को खेल की तरफ आकर्षित किया जा सके। इतना कहकर मैं अपने इस भाषण को ख़त्म करने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।