पर्यावरण बचाओ पर भाषण

पर्यावरण बचाओ पर भाषण : Speech on Save Environment in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘पर्यावरण बचाओ पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप पर्यावरण बचाओ पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
पर्यावरण बचाओ पर भाषण : Speech on Save Environment in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- विविधता में एकता।
यह एक काफी महत्वपूर्ण विषय है। सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं “पर्यावरण बचाओ” जैसे महत्वपूर्ण विषय पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा।
पर्यावरण का अर्थ होता है:- हमारे आसपास का परिवेश जहाँ मनुष्य, प्राणी, जानवर व पेड़-पौधे रहते है। पृथ्वी एक मात्र ऐसा ग्रह है, जहाँ जीवन मौजूद है।
इसका सबसे बड़ा कारण हमारा पर्यावरण है, या यह भी कह सकते है कि हमारे आसपास की सभी वस्तु चाहे वह सजीव हो या निर्जीव, मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते है।
हमारे पर्यावरण में मनुष्य, जानवर व पेड़-पौधों के जीवन के लिए सभी आवश्यक वस्तुएँ मौजूद है। यहाँ हवा में पर्याप्त मात्रा में सभी गैसें मौजूद है, जिससे जीवन संभव हो सके।
इसलिए हमारी पृथ्वी में एक पारिस्थितिकतंत्र का निर्माण हुआ है। जो आज मनुष्य के द्वारा किये गए कार्यों से लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मनुष्य जो कार्य करता है, उससे कहीं न कहीं पारिस्थितिकतंत्र को नुकसान पहुंच रहा है। आज बढ़ते औद्योगीकरण व शहरीकरण के कारण लगातार पेड़-पौधे कट रहे है।
आज खेतों और जंगलों की जगह सड़कों और इमारतों ने ले ली है। नए-नए कारखाने खुलने से यहाँ वायु प्रदुषण व जल प्रदूषण बहुत तेज़ी से फैल रहा है।
कारखानों से निकला धुआं सीधा वातावरण में मिल जाता है और यहाँ से निकला पानी नदियों में मिल जाता है, जो जलीय जीवो के लिए भी खतरनाक है।
आज मनुष्य अपने कार्यों की वजह से अपनी ही नहीं बल्कि पूरे पारिस्थितिकतंत्र को नुकसान पंहुचा रहा है। आज हम वातावरण परिवर्तन की समस्या से जूझ रहे है।
आजकल आप देखते होंगे कि बिना मौसम बारिश हो रही है। ग्लोबल वार्मिंग अपनी चर्म सीमा पर है। वायु बहुत प्रदूषित हो गई है।
अधिकांश जल प्रदूषित हो गया है। ये सभी वातावरण परिवर्तन के प्रमुख लक्षण है। आज पर्यावरण प्रदुषण बहुत बढ़ चुका है, लेकिन अभी इतनी भी देर नहीं हुई है कि इसे रोका न जा सके।
हमें जल्द से जल्द इसके लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे, जिससे इस संशय को समाप्त किया जा सके। हमें सबसे पहले कारखानों को नदियों व बस्तियों से दूर स्थापित होगा।
इनकी चिमनियों को इतना ऊपर करना होगा जिससे यह वातावरण में न फैल पाए। इसके साथ-साथ इनमें उपयोग होने वाले जल को पुनः उपयोग योग्य बनाना होगा।
ताकि, इस जल का उपयोग वापस यहाँ किया जा सके। इसके साथ-साथ हमें पेड़-पौधों की कटाई पर रोक लगानी होगी व अधिक से अधिक मात्रा में वृक्षारोपण करना होगा।
इसके साथ-साथ हमें प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग कम से कम करना होगा। इसकी जगह हमें नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग को बढ़ाना होगा।
हमें इसके लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच पर आवाज़ उठानी होगी व विश्व के सभी देशों को इसमें सहयोग करना होगा। जिससे हम अपने आगे वाली पीढ़ी को एक स्वच्छ पर्यावरण दे पाएं।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।