विषम छंद की परिभाषा, भेद और उदाहरण

विषम छंद की परिभाषा : Visham Chhand in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘विषम छंद की परिभाषा’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
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विषम छंद की परिभाषा : Visham Chhand in Hindi
विषम छंद के प्रथम चरण तथा तृतीय चरण में 12 और द्वितीय चरण तथा चतुर्थ चरण में 7 मात्राएँ होती है। सम चरणों के अंत में जगण और तगण के आने से मिठास बढ़ती है। यति को प्रत्येक चरण के अंत में रखा जाता है।
विषम छंद के उदाहरण
विषम छंद के उदाहरण निम्नलिखित है:-
चम्पक हरवा अंग मिलि अधिक सुहाय।
जानि परै सिय हियरे, जब कुम्हिलाय।
विषम छंद से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न
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विषम छंद की परिभाषा क्या है?
विषम छंद के प्रथम चरण तथा तृतीय चरण में 12 और द्वितीय चरण तथा चतुर्थ चरण में 7 मात्राएँ होती है। सम चरणों के अंत में जगण और तगण के आने से मिठास बढ़ती है। यति को प्रत्येक चरण के अंत में रखा जाता है।
अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।
डछनडछनदठचलघ
ठदणडवीजडधछदच
देख
तडपड्जघफृछीफलच बस
ग़झचठलतघेंदचड
ज़ब्तघदच ही न कर
यघजवढथणव