अंगदान पर निबंध

Essay on Organ Donation in Hindi

अंगदान पर निबंध : Essay on Organ Donation in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘अंगदान पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप अंगदान पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

अंगदान पर निबंध : Essay on Organ Donation in Hindi

प्रस्तावना:-

अंगदान दुनिया का सबसे बड़ा दान माना जाता है। इसलिए ही इसे महादान भी कहा जाता है। यह दान मनुष्य की मृत्यु के बाद दिया जाता है।

लेकिन, कुछ परिस्थितियों में जीवित लोग भी अपने शरीर के अंगों का दान करते है। लेकिन, जीवित रहते हुए व्यक्ति सिमित अंगों को ही दान कर सकता है। जैसे:- किडनी।

अंगदान का सीधा सा अर्थ, किसी व्यक्ति के शरीर के अंगों को निकालकर किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में डालना होता है। लेकिन, वह अंग उसके या उसके परिवार की इच्छापूर्वक बिना किसी लाभ के दिया हुआ होना चाहिए।

इसके पीछे उनका किसी भी प्रकार का कोई भी स्वार्थ नही होना चाहिए। अंगदान करना पुण्य का कार्य है। इससे कईं लोगों को एक नया जीवन मिल सकता है।

अंगदान में मनुष्य के कईं अंग दान किये जा सकते है। जैसे:- आँखे, ह्रदय, किडनी, छोटी आंत, आदि।

अंगदान का महत्व:-

अंगदान करना काफी महत्वपूर्ण है। कईं लोगों को अंगदान की वजह से नए अंग मिल जाते है। जिससे वह अपना जीवन बिना परेशानी के बिता सकते है।

इस दुनिया में कईं ऐसे लोग भी है, जिनके पास आँखें नहीं होती है। ऐसे लोगों को आँखें दान देने से उनके जीवन में रौशनी आ जाती है। इस अंगदान का महत्व सिर्फ वह व्यक्ति ही समझ सकता है, जिसके पास किसी अंग की कमी होती है।

वर्तमान समय में सड़कों पर रोजाना दुर्घटनाएं होती रहती है। जिससे मनुष्य अपने शरीर के अंग खो देता है या फिर कईं बीमारियाँ ऐसी होती है, जो शरीर के अंगों को ख़राब कर देती है।

ऐसे लोगों को जीवन सिर्फ अंगदान ही दे सकता है। एक मनुष्य के अंगदान से वह एक ही बार में 8 लोगों की जान बचा सकता है।

अंगदान में समस्या:-

अंगदान में सबसे बड़ी समस्या जागरूकता है। लोग आज भी अंगदान के प्रति जागरूक नहीं हुए है। देश में आज भी व्यक्ति की मृत्यु के बाद सीधे ही उसके पार्थिव शरीर का दहन देते है। उन्हें अंगदान करना गलत लगता है।

देश में कितने ही लोग सड़क दुर्घटना के कारण अपनी जान खो देते है। ऐसे लोगों के अंगों को निकालकर किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में लगाया जा सकता है।

लेकिन, उसके परिवार वाले उसके अंगों को दान ही नहीं करते है। मनुष्य के सिर्फ उन्हीं अंगों को दान किया जा सकता है, जो पूरी तरह स्वस्थ हो।

लेकिन, इन्हें भी व्यक्ति की मृत्यु के 72 घंटे के भीतर ही अन्य व्यक्ति के शरीर में डालना होता है। क्योंकि, व्यक्ति की मृत्यु के बाद 72 घंटे ही उसके शरीर के अंग जीवित रहते है।

अंगदान की प्रक्रिया:-

अंगदान जीवित व मृत दोनों अवस्थाओं में किया जा सकता है। इसे करने के लिए भी अलग-अलग प्रक्रियाएं होती है।

जीवित अवस्था में अंगदान:-

जीवित अवस्था में अंगदान करने वाले व्यक्ति का पहले शारीरिक परीक्षण किया जाता है और यह सुनिश्चित किया जाता है कि दान करने के बाद व्यक्ति को कोई खतरा तो नहीं है या वह दान तो कर सकता है।

उसका मनोवैज्ञानिक परीक्षण भी किया जाता है। ताकि, पता चल सके कि व्यक्ति अंगदान के परिणाम से अवगत हो और वह वह दान को करने के लिए पूरी तरह सहमत हो।

मृत्यु के बाद अंगदान:-
अंगदान करने के लिए पहले व्यक्ति को जीवित अवस्था में पंजीकरण करना होता है या फिर मृत्यु के बाद उसके करीबी परिवारजन उसके अंगों को दान कर सकते है।

इसके लिए पहले यह सुनिश्चित किया जाता है कि व्यक्ति की मृत्यु हो चुकी है। इसके लिए कईं प्रकार के परीक्षण भी किये जाते है।

उसके शरीर को यांत्रिक वेंटिलेटर पर रखा जाता है ताकि, यह पता लगाया जा सके कि उसके अंग पूरी तरह से ठीक है अथवा नहीं।

इन सभी बातों के सुनिश्चित हो जाने के बाद कुछ ही घंटों में उन अंगों को निकालकर तुरंत ही अन्य व्यक्ति के शरीर में लगा दिया जाता है। क्योंकि, यह ज्यादा समय तक जीवित नहीं रहते है।

उपसंहार:-

जब किसी व्यक्ति के अंगो को शल्यचिकित्सा की सहायता से किसी अन्य व्यक्ति के शरीर में डाला जाता है, तो उसे ही अंगदान कहा जाता है। अंगदान सिर्फ परिजनों की इच्छा पर ही किया जा सकता है।

इसके लिए लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है ताकि, अंगदान करने वाले लोगों की संख्या बढ़ सके और इसकी आवश्यकता रखने वाले व्यक्तियों को यह प्राप्त हो सके।

इससे देश में मांग व पूर्ति में अंतर कम होगा और अंग तस्करी जैसे अपराधों की संख्या कम होगी। अंग न मिलने की वजह से ही ऐसे अपराध जन्म लेते है।

अंगदान होने पर ऐसे अपराध भी कम होंगे और कईं मासूम लोगों की जानें भी बच पाएगी। इसलिए, अंगदान को बढ़ावा देना चाहिए।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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