आपदा प्रबंधन पर भाषण

आपदा प्रबंधन पर भाषण : Speech on Disaster Management in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘आपदा प्रबंधन पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप आपदा प्रबंधन पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
आपदा प्रबंधन पर भाषण : Speech on Disaster Management in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का विद्यार्थी हूँ। आज मैं इस शुभ अवसर पर आप सभी के सामने एक छोटा सा भाषण प्रस्तुत करने जा रहा हूँ, जिसका विषय है:- आपदा प्रबंधन।
सर्वप्रथम मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर अपने विचार व्यक्त करने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं आपदा प्रबंधन” विषय पर दो शब्द कहना चाहता हूँ। आशा करता हूँ कि आपको यह पसंद आएगा। आप सभी ने कईं लोगों को आपदाओं में अपना जीवन गंवाते हुए देखा होगा।
यह आपदा क्या है? और यह क्यों आती है? किसी क्षेत्र में प्राकृतिक या मानव के कारण दुर्घटनाएं, गंभीर घटना व लापरवाही की वजह से होने वाली घटना, जिससे जान-माल का नुकसान हो, उसे आपदा कहते है।
हमारी प्रकृति में लगातार परिवर्तन होते रहते है, इस कारण भी कई कईं बार आपदाएं उत्पन्न हो जाती है। आपदा कईं प्रकार की होती है, जैसे:- भूकंप, बाढ़, सूखा, भू-स्खलन, आग लगना, आदि।
आपदाएं कईं बार प्राकृतिक एवं कईं बार यह मानवकृत होती है। कईं कारणों से प्राकृतिक आपदाएं आती है।
जब प्राकृतिक आपदाएं आती है, तो उनका परिणाम बहुत ही घातक होता है।
इनमें कईं लोग अपनी जान और परिवार को गँवा देते है। जहाँ प्राकृतिक आपदाएं आती है, वहाँ खाने-पीने की समस्या भी पैदा हो जाती है।
इन जगहों पर भुखमरी जैसी स्थिति पैदा हो जाती है और कईं बिमारियों और महामारियों का इससे खतरा बढ़ने लगता है। कईं लोग अपना घर व परिवार खो देते है।
जिस कारण लोगों के रहने की भी समस्या का सामना करना पड़ता है। प्राकृतिक आपदाओं के कारण निजी व सार्वजनिक संपत्तियों का काफी नुकसान होता है।
ऐसी स्थिति के कारण उस देश या राज्य को आर्थिक समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण मनुष्य मजबूर होकर रह जाता है।
भारत में कईं प्राकृतिक आपदाएं आई है, जिन्होंने काफी हद तक मनुष्यों को नुकसान पहुँचाया है। जिनमें काफी लोगों ने अपनी जानें गंवाई है और कईं लोगों ने अपने करीबी लोगों को खोया है।
जैसे:- उत्तराखंड बाढ़ 2013, गुजरात भूकंप 2001, उड़ीसा सुपर साइक्लोन 1999, बंगाल की खाड़ी में चक्रवाती तूफान 2020, के साथ अन्य भी कईं आपदाएं आई है, जिससे काफी अधिक नुकसान हुआ है।
सरकार ने इन आपदाओं में फंसे लोगों को निकालने के लिए एक सेना का गठन किया है, जिसे NDRF कहा जाता है।
यह सेना प्राकृतिक आपदाओं वाली जगहों पर जाकर वहाँ के लोगों की सहायता करती है और उन्हें उस मुसीबत से निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाती है।
कईं बार तो वैज्ञानिकों की अग्रिम सुचना से NDRF की टीम आपदा आने से पहले ही लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचा देती है।
जिससे इसके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। सरकार उन सभी लोगों के लिए सहायता धनराशि, दवाइयां व खाने-पीने की चीज़े मुहैया करवाती है।
हम सभी को भी ऐसी परिस्थिति में लोगों की सहायता के लिए आगे बढ़ना चाहिए और अपना योगदान देना चाहिए। प्रतिवर्ष 13 अक्टूबर के दिन आपदा प्रबंधन दिवस मनाया जाता है।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह छोटा सा भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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