सफलता पर भाषण

सफलता पर भाषण : Speech on Success in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘सफलता पर भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप सफलता पर भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
सफलता पर भाषण : Speech on Success in Hindi
नमस्कार, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, माननीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को मेरा प्यारभरा नमस्कार।
मेरा नाम —— है और मैं इस विद्यालय में 11वीं कक्षा का छात्र हूँ। सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर खड़े होने का अवसर प्रदान किया।
आज मैं सफलता के बारे में भाषण प्रस्तुत करना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरा यह भाषण पसंद आएगा।
विद्यार्थी जीवन एक मनुष्य के जीवन में स्वर्णकाल की भांति होता है। इस समय प्रत्येक मनुष्य के मन में अपने भविष्य के लिए नए-नए सपने होते है।
यही सही समय है, जब एक इंसान सफलता और असफलता के बीच के अंतर को समझता है। यदि पूरी दुनिया की बात की जाए तो दुनिया में हर किसी व्यक्ति के लिए सफलता का महत्व अलग होता है।
एक विद्यार्थी की बात की जाए तो उसकी सफलता उसकी परीक्षा में प्राप्त किये गए उसके अंकों से है या यदि सही मायनों में समझा जाए तो उसकी असली सफलता उसके द्वारा प्राप्त किया गया ज्ञान है।
जिसके लिए उसे पूरे वर्ष मेहनत करनी पड़ती है। गृहकार्य, विद्यालय में कक्षा, अध्यापक की डांट, उसके बाद परीक्षा देना, तब जाकर उसे सफलता प्राप्त हो पाती है।
वहीं यदि एक व्यापारी की बात की जाए तो वह जोख़िम उठाकर अपने पूरे पैसे को अपने व्यपार में लगाकर व्यापार करता है और कठिन मेहनत करने के बाद उसे अन्ततः सफलता प्राप्त होती है।
सभी व्यक्तियों के लिए सफलता के मायने अलग-अलग है और उसे प्राप्त करने के तरीके भी अलग-अलग होते है।
कईं बार लोग सही रास्ते पर चलकर सभी कार्यों को सही तरीके से पूर्ण करने के बाद सफलता की प्रतीक्षा करते है और उन्हें सफलता प्राप्त भी हो जाती है।
इसके विपरीत कईं अन्य लोग गलत कार्य करके गलत तरीके से सफलता प्राप्त करने का प्रयास करते है। इन दोनों ही तरीके से आप सफलता प्राप्त कर सकते है।
लेकिन, यदि दोनों के तरीकों की बात की जाए तो जहाँ पहले तरीके से आपको सफलता भले ही देर से प्राप्त हो, लेकिन सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
इसमें लोग आपसे जुड़ते है। आपके ऊपर कानून का खतरा भी नहीं होता है। यह सफलता लम्बे समय तक रहती है और ऐसी सफलता प्राप्त होने के बाद आपको बहुत ही सुकून महसूस होता है।
जबकि, गलत तरीके से प्राप्त की गई सफलता से आप कभी भी खुश नहीं रह पाएंगे। यह सफलता आपको बहुत जल्द प्राप्त तो हो जाएगी, लेकिन उतनी ही तेज़ी से चली भी जाएगी।
इसमें लोग आपसे ज्यादा देर तक जुड़े नहीं रह सकते है। भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में कहा है कि “कर्म ही मनुष्य का धर्म है और कर्म को हमेशा सही तरीके से करना चाहिए”।
सफलता शब्द बोलने व लिखने में जितना आसान लगता है, इसे प्राप्त करना उतना ही अधिक कठिन होता है। इसे प्राप्त करने के लिए एक इंसान को दिन-रात मेहनत करनी पड़ती है।
इसके साथ-साथ उसे अपने लिए सही फैसले लेने पड़ते है। किसी ने कहा है कि कुछ प्राप्त करने के लिए कुछ खोना पड़ता है। यह बात सफलता के लिए सही मानी जा सकती है।
सफलता प्राप्त करने के लिए मनुष्य को अपने आनंद को छोड़ना पड़ता है। अपने सुरक्षित जीवन से बाहर निकलकर जोख़िम लेना पड़ता है।
सफलता प्राप्त करने के लिए मनुष्य में धैर्य भी होना चाहिए। ताकि सफलता देरी से भी प्राप्त हो, तभी भी हम हार न माने। धैर्य के साथ-साथ मनुष्य में ईमानदारी, कर्त्तव्यनिष्ठा जैसे गुण भी मौजूद होने चाहिए।
सफलता प्राप्त के लिए आपको कईं बार असफलता का भी सामना करना पड़ता है। यदि आप असफलता से डर गए, तो आप कभी भी सफलता प्राप्त नहीं कर सकते है।
इसलिए, असफलता प्राप्त हो भी जाए तो उससे सिखकर सफलता प्राप्त करने के लिए काम करना शुरू कर दे।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करने जा रहा हूँ। आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।