भ्रष्टाचार पर निबंध

भ्रष्टाचार पर निबंध : Essay on Corruption in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘भ्रष्टाचार पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप भ्रष्टाचार पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
भ्रष्टाचार पर निबंध : Essay on Corruption in Hindi
प्रस्तावना:-
भ्रष्टाचार दो शब्दों से मिलकर बना है ‘भ्रष्ट + आचार’। ‘भ्रष्ट का अर्थ बुरा’ और ‘आचार का अर्थ आचरण’ होता है। भ्रष्टाचार का साधारण भाषा में अर्थ किसी भी व्यक्ति का अनैतिक व अनुचित आचरण है।
आज भारत में भ्रष्टाचार का स्तर काफी बढ़ गया है। ऐसा कोई भी विभाग नहीं है, जिसमें भ्रष्टाचार नहीं होता हो और यह धीरे-धीरे इस देश को खोखला करते जा रहा है।
भ्रष्टाचार एक महामारी की तरह सम्पूर्ण देश में फैला हुआ है। जिससे रोक पाना काफी मुश्किल हो गया है, क्योंकि इसे रोकने वाले ही इसकी चपेट में आ रखे है। आज भ्रष्टाचार सिर्फ भारत की ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण विश्व की एक बड़ी समस्या बन गया है।
भ्रष्टाचार के प्रकार:-
भ्रष्टाचार मुख्य रूप से पांच प्रकार के होते है। जिसमें से पहला भ्रष्टाचार ‘राजनैतिक भ्रष्टाचार’ है। राजनैतिक भ्रष्टाचार में राजनेता कुर्सी को पाने के लिए वोट व कानून व्यवस्था को खरीदने का प्रयास करते है।
राजनेता द्वारा किये गए भ्रष्टाचार को ही राजनैतिक भ्रष्टाचार कहते है। दूसरा भ्रष्टाचार ‘प्रशासनिक भ्रष्टाचार’ है। जब सरकारी पद पर बैठे हुए लोग अपने पद का गलत फायदा उठाते है और इसका दुरूपयोग करते है, तो इसे ही ‘प्रशासनिक भ्रष्टाचार’ कहा जाता है।
तीसरा भ्रष्टाचार ‘निजी भ्रष्टाचार’, ‘चौथा भ्रष्टाचार ‘लोक भ्रष्टाचार’ व पांचवा भ्रष्टाचार ‘लघु भ्रष्टाचार’ होता है। यें सभी भ्रष्टाचार जनता द्वारा निजी तौर पर किये जाते है। यह ही भ्रष्टाचार के प्रमुख प्रकार है।
भारत में फैलता भ्रष्टाचार:-
आज भारत भ्रष्टाचार का एक केंद्र बनकर रह गया है। भारत में आज प्रत्येक क्षेत्र में भ्रष्टाचार फ़ैल गया है। भ्रष्टाचार दीमक की तरह इस देश को खा रहा है और इसे कमजोर बना रहा है।
भ्रष्टाचार किसी भी देश के विकास में एक बड़ी समस्या होती है। वह उस देश को विकसित होने से रोकती है और यही स्थिति आज भारत की भी है।
भारत का विकास तो हो रहा है लेकिन भ्रष्टाचार के कारण इसकी गति काफी धीमी हो गई है। आज भ्रष्टाचार बढ़ने से ही अमीर व्यक्ति और अधिक अमीर होता जा रहा है और गरीब व्यक्ति और अधिक गरीब होता जा रहा है।
भ्रष्टाचार को रोकने के उपाय:-
भ्रष्टाचार को रोकने के लिए देश में भ्रष्टाचारियों के प्रति सख्त से सख्त कानून बनाने की आवश्यकता है। तभी लोगों के मन में उसके प्रति भय उत्पन्न होगा।
इसे रोकने के लिए प्रत्येक सरकारी कार्यालय में भी निगरानी रखनी होगी, जिससे इन जगहों पर भ्रष्टाचार को रोका जा सके।
हमें अपनी आने वाली पीढ़ी को भी इसके प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। उन्हें भ्रष्टाचार के दुष्परिणामों से अवगत करवाना होगा, ताकि वें इसमें न फंसे और इसे रोक सके।
आज देश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए हमें नई तकनीकी का भी प्रयोग करना चाहिए और लेन-देन करने के लिए बैंकिंग सेवाओं का ही प्रयोग करना चाहिए। आज की कईं नई तकनीकों को अपनाकर हम भ्रष्टाचार को देश में फैलने से रोक सकते है।
उपसंहार:-
भ्रष्टाचार हमारे जीवन से नैतिकता को समाप्त कर रहा है। इससे लोगों में सत्य और ईमानदारी समाप्त होती जा रही है।
भ्रष्टाचार के बढ़ने से किसी भी गरीब को उसका हक़ नहीं मिल पाता है, क्योंकि अमीर इंसान उसे अपने पैसे के बल पर खरीद लेता है, इससे देश में असमानता बढ़ रही है।
हमें इस भ्रष्टाचार को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है। भ्रष्टाचार को इस दुनिया से कम करने के लिए ही अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 9 दिसंबर को भ्रष्टाचार विरोध दिवस मनाया जाता है।
सिर्फ कहने से या भ्रष्टाचार विरोध दिवस मनाने से ही भ्रष्टाचार ख़त्म नहीं होगा, इसके लिए हमें सबसे पहले स्वयं से ही आरम्भ करना होगा। जब प्रत्येक मनुष्य अपना भ्रष्टाचार रोकेगा तो देश से स्वयं ही भ्रष्टाचार ख़त्म हो जाएगा।
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
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