दयालुता पर निबंध

Essay on Kindness in Hindi

दयालुता पर निबंध : Essay on Kindness in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘दयालुता पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप दयालुता पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

दयालुता पर निबंध : Essay on Kindness in Hindi

प्रस्तावना:-

दयालुता एक भाव है। दूसरों के प्रति दया भाव दिखाने को ही दयालुता कहते है। दयालुता एक गुण है, जो दिया नहीं जाता है बल्कि यह गुण मनुष्य में होता है।

दयालुता रखने वाले व्यक्ति का ह्रदय काफी निर्मल होता है। नि:स्वार्थ भाव से किसी व्यक्ति की सहायता करना भी दयालुता होता है। यह गुण दूसरों को माफ करने का गुण सिखाता है।

दया एक महान गुण है, जो मनुष्य की एक आंतरिक भावना होती है। यह मनुष्य का पहला गुण होता है, जो उसे मानवता सिखाती है। एक मनुष्य में दयालुता का होना काफी आवश्यक है।

दया भाव ही एक मनुष्य को मनुष्य बनाता है। दया भाव रखने वाला व्यक्ति कभी भी किसी व्यक्ति को धोखा नही दे सकता है, क्योंकि उसके मन में इतनी दयालुता होती है कि वह जान-बुझकर किसी को दुख नही दे सकता है।

दयालुता मनुष्य में प्रेमभाव बनाये रखती है। दयालुता मनुष्य को संवेदनशील बनाती है। दयालु मनुष्य कभी किसी व्यक्ति की सहायता करने से पहले झिझकता नहीं है।

दया दिखाने के लिए हमें काफी अधिक धन की आवश्यकता नहीं होती है।:-

वर्तमान समय में लोग दयालुता को छोड़कर स्वार्थ और लालच में आ गए है और दयालुता को भुल गए है। आज कोई चंद पैसों के लिए किसी की हत्या करने को भी तैयार हो जाता है।

बाजार में लूटपाट तो आम बात हो गई है। लोग किसी को दुःख पहुंचाने से पहले एक बार भी नहीं सोचते है। कितनी बार सड़क पर हादसे हो जाते है, लेकिन कईं बार ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति उसकी मदद के लिए आगे नहीं आता है।

लोगों में दया भाव काफी कम हो गया है। बहुत कम लोग ऐसे है, जिनमें यह भाव है। दूसरे लोगों के प्रति दयालुता दिखाकर हम न सिर्फ उनकी मदद करते है, बल्कि उनके चेहरे पर मुस्कुराहट भी लाते है।

वर्तमान समय में दयालु लोगों का मिलना काफी मुश्किल हो गया है। मनुष्य इस प्रकृति को लागातार खत्म करता जा रहा है। आज मनुष्य की क्रूरता इतनी अधिक बढ़ गई है कि वह प्रकृति में भी दयालुता नहीं दिखा रहा है।

उपसंहार:-

दयालुता तब मानी जाती है, जब हम उसके बदले कुछ पाने की चाह न रखें। यदि हम अपनी मदद के बदले कुछ चाह रखते है, तो हम उसे दयालुता नहीं कहेंगे।

हमें मनुष्यों के साथ जीव-जन्तुओं पर भी दया दिखानी चाहिए। न जाने कितने ही लोग कुत्ते, बिल्ली व गायों को मारते रहते है। पक्षियों को पिंजरे मे बंद कर दिया जाता है।

हमें इन बेजुबान जीवों पर दया दिखानी चाहिए। इन्हें भी हमारी तरह जीवन जीने का पूरा अधिकार है। दयालुता दिखाना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। हमें स्वयं में यह भावना हमेशा रखनी चाहिए और दूसरों को भी इस भावना के लिए प्रेरित करना चाहिए।

भगवान ने यदि आपको एक अच्छा जीवन व परिवार देकर दयालुता दिखाई है, तो आपका भी यह फर्ज है कि आप उसके बनाये जीवों पर दया दिखाएं।

अंतिम शब्द

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

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