दिवाली पर शिक्षकों के लिए भाषण

दिवाली पर शिक्षकों के लिए भाषण : Speech on Diwali for Teachers in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘दिवाली पर शिक्षकों के लिए भाषण’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप दिवाली पर शिक्षकों के लिए भाषण से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
दिवाली पर शिक्षकों के लिए भाषण : Speech on Diwali for Teachers in Hindi
सुप्रभात, आदरणीय प्रधानाचार्य जी, मेरे साथी अध्यापकगण एवं प्यारे बच्चों, आप सभी को मेरा प्यार भरा नमस्कार। मेरा नाम ——– है।
सबसे पहले मैं आप सभी को धन्यवाद देना चाहता हूँ कि आप सभी ने मुझे इस मंच पर इस अयोजन को शुरू करने का अवसर प्रदान किया
दीवाली, हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार है। इसे भारत में ही नही अपितु पूरे विश्व में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार इस दिन आराध्य श्री राम जी अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात अयोध्या लोटकर वापस आए थे।
इसी खुशी में अयोध्यावासियों ने उनके स्वागत में पूरी अयोध्या में दीप जलाकर उनका स्वागत किया था। तभी से प्रतिवर्ष इस दिन को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।
इस त्यौहार को प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस दिन मिट्टी के दीपक जलाए जाते है।
इस दिन घर में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश व माता सरस्वती की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से आपके घर में कभी भी दरिद्रता का निवास नही होगा।
इस पूजा को करने के लिए घर व मंदिर को अच्छे से साफ किया जाता है। इसलिए भारत में दिवाली से हफ्ते भर पहले से ही घरों की सफाई होने लगती है।
इस समय लोगों को नईं-नईं चीजें लेना बहुत पसंद करते है। इस समय घर में नए सामान लाना शुभ माना जाता है। इसलिए बाजारों में भी चहल-पहल रहती है।
दिवाली को दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है। आपको इस दिन अपने चारों तरफ रौशनी ही रौशनी दिखाई देती है।
इस त्यौहार का बच्चों को बड़े ही बेसब्री से इंतजार रहता है। बच्चे इस दिन अपने लिए नए कपड़े खरीदकर लाते है। पटाखे फोड़ना भी बच्चों को बहुत पसंद होता है।
यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है। पहले दिन को धनतेरस के रुप में मनाया जाता है। इस दिन घर में नए बर्तन लेने के लिए शुभ माना जाता है।
दूसरे दिन को छोटी दीवाली या रूप चौदस के रूप में मनाया जाता है। तीसरा दिन मुख्य दिन होता है। इसे बड़ी दीवाली के नाम से भी जाना जाता है।
चौथे दिन को गोवर्धन व पांचवे दिन को भाई दूज के रूप के रूप में मनाया जाता है। बच्चों इस दिन आप सभी को अपने बड़ों से आशीर्वाद लेना चाहिए, क्योंकि यह दिन बहुत शुभ माना जाता है।
आप सभी को पटाखों को बड़ी सावधानी से फोड़ना होगा। कईं बार जरा सी असावधानी से आपकी जान को भी खतरा हो सकता है। इसलिए पटाखे बहुत कम फोड़े व सावधानी से फोड़े।
आप सभी को सभी अध्यापकों की तरफ से गृहकार्य दिया जा चुका है। इसलिए आप गृहकार्य भी समय पर पूरा करें व इस त्यौहार का भी आनंद ले।
मैं आप सभी का ध्यान एक बार पर्यावरण की और भी खींचना चाहता हूँ। आज हमारा वातावरण बहुत ही प्रदूषित हो गया है।
आज वातावरण में लगातर प्रदूषित गैस बढ़ती जा रही है। दीपावली बहुत ही बड़ा पर्व है। लेकिन, कईं बार लोग जरुरत से ज्यादा पटाखे फोड़ते है।
इससे पर्यावरण को काफी नुकसान होता है, इसलिए पटाखों का उपयोग कम करें। इस त्यौहार का आनंद ले और सभी के साथ भाईचारे को बढ़ाये।
क्योंकि, यह त्यौहार समाज में प्यार को बढ़ाने का है। अपने दुश्मन को भी प्यार से गले लगाने का दिन है। इसलिए इस त्यौहार में सभी से अपने गिले-शिकवे मिटाए और जमकर अपनी पढ़ाई भी करें।
इतना कहकर मैं अपने भाषण को समाप्त करता हूँ और आशा करता हूँ कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।
धन्यवाद!
अंतिम शब्द
अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।
अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ फेसबुक पर साझा अवश्य करें और हमारे वेबसाइट को सबस्क्राइब कर ले।

नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।