रक्षाबंधन 2022 पर निबंध

रक्षाबंधन पर निबंध : Essay on Raksha Bandhan in Hindi:- आज के इस लेख में हमनें ‘रक्षाबंधन पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।
यदि आप रक्षाबंधन पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-
रक्षाबंधन पर निबंध : Essay on Raksha Bandhan in Hindi

प्रस्तावना:-
रक्षाबंधन हिन्दू धर्म के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। इस त्यौहार को भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
रक्षाबंधन का त्यौहार श्रावण माह के पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधकर उससे अपनी रक्षा का वचन लेती है।
रक्षाबंधन का अर्थ रक्षा के धागे से है, जिसे बहन अपने भाई को बांधती है। जिससे उनके बीच का प्रेम जीवन भर बना रहे। राखी का त्यौहार भारत के आलावा और भी कईं देशों में मनाया जाता है, जैसे:- नेपाल, मलेशिया, आदि।
रक्षाबंधन का इतिहास:-
राखी के त्यौहार के पीछे कईं पौराणिक कथाएँ है, जिस वजह से ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाया जाता है।
एक कथा के अनुसार जब बहादुर शाह ने चित्तौड़गढ़ पर आक्रमण किया और चित्तौड़गढ़ की सेना हारने लगी तब, वहाँ की रानी कर्णावती ने हुमायूँ को राखी भेजी।
राखी के रूप में कर्णावती ने हुमायूँ से सहायता मांगी, तब हुमायूँ ने रानी कर्णावती की सहायता की। तभी से ही रक्षाबंधन को पर्व के रूप में मनाया जाता है और इस त्यौहार का काफी महत्व दिया है।
एक अन्य कथा के अनुसार जब श्री कृष्ण की उंगली कट गई थी, तब द्रौपती ने अपनी साड़ी को फाड़कर उनकी ऊँगली बाँधी थी।
जब द्रौपती संकट में थी तब श्री कृष्ण ने द्रौपती की लाज बचाई थी। इस वजह से राखी के त्यौहार को मनाया जाता है।
रक्षाबंधन का महत्व:-
रक्षाबंधन का महत्व भाई-बहन के लिए बहुत अधिक होता है। इस दिन को भाई व बहन के प्यार के प्रतीक के रूप में मानाया जाता है।
हिन्दू धर्म में रक्षाबंधन के त्यौहार को काफी महत्व दिया जाता है। इस दिन एक भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा का वचन देता है।
इसी से इस त्यौहार का महत्व बढ़ता है। वास्तव में यह त्यौहार रक्षा करने का वचन देने के लिए ही प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को मनाने का कारण ही रक्षा का वचन है।
रक्षाबंधन का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?
रक्षाबंधन, भाई-बहनों का ही त्यौहार होता है। इस दिन सभी बहनें सुबह जल्दी उठकर स्नान करके सबसे पहले पूजा की थाली तैयार करती है।
जिसमें वह सिंदूर, चावल, मोली, दीया, मिठाई, फल और राखी आदि रखकर पहले भगवान की पूजा करती है और उसके बाद राखी बांधने की बारी आती है।
इसमें सबसे पहले बहनें अपने भाई को सिंदूर व चावल से तिलक लगाती है और उसके बाद आरती करती है।
आरती के बाद वह अपने भाई को राखी बांधती है। राखी बांधने के बाद उसे मिठाई खिलाती है। इसके बाद भाई अपनी बहन को उपहार देता है। इसी प्रकार से राखी का त्यौहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
उपसंहार:-
यह त्यौहार मुख्य रूप से बहनों का ही त्यौहार है। इस दिन बहनें अपने भाइयों से मिलने आती है। यह त्यौहार सभी को आपस में जोड़ता है।
लोग अपने सभी मनमुटाव को भूलकर फिर से एक साथ मिल जाए, इसीलिए इस त्यौहार को मनाया जाता है। राखी भी इन्हीं त्योहारों में से एक है, जो भाई-बहनों के प्यार को बढ़ाता है और परिवार को आपस में जोड़ने का कार्य करता है।
धन्यवाद!
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अंतिम शब्द
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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।